Buddha Purnima : बुद्ध पूर्णिमा, जिसे वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध जयंती भी कहा जाता है, भगवान गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व वैशाख महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और यह बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। बुद्ध पूर्णिमा न केवल भगवान बुद्ध के जन्मदिन के रूप में बल्कि उनके ज्ञान प्राप्ति (बोधि) और महापरिनिर्वाण (मृत्यु) के दिन के रूप में भी मनाई जाती है।
Buddha Purnima : बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?
बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयंती, वेसाक, वैशाख और बुद्ध के जन्मदिन के नाम से भी जाना जाता है। यह गौतम बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं का जश्न मनाता है, उनकी जयंती और ज्ञान प्राप्ति (निर्वाण) के दिन को चिह्नित करता है। वैशाख माह के दौरान बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाया जाता है।
Buddha Purnima : भगवान बुद्ध का जीवन
भगवान गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी (वर्तमान नेपाल) में हुआ था। उनका असली नाम सिद्धार्थ था और वे कपिलवस्तु के शाक्य वंश के राजा शुद्धोधन और रानी माया के पुत्र थे। सिद्धार्थ का जीवन ऐश्वर्य और सुख-सुविधाओं से भरा हुआ था, लेकिन वे सांसारिक दुखों से अनजान थे।
Buddha Purnima : ज्ञान की खोज
एक दिन जब सिद्धार्थ महल से बाहर निकले, तो उन्होंने एक वृद्ध व्यक्ति, एक बीमार व्यक्ति, एक मृत व्यक्ति और एक संन्यासी को देखा। इन दृश्यों ने उन्हें गहराई से विचलित किया और उन्होंने सत्य की खोज के लिए अपने ऐश्वर्यपूर्ण जीवन को त्याग दिया।
सिद्धार्थ ने वर्षों तक कठोर तपस्या की, लेकिन उन्हें सत्य की प्राप्ति नहीं हुई। अंततः, उन्होंने मध्यम मार्ग का अनुसरण करने का निर्णय लिया और बोधगया में एक पीपल वृक्ष के नीचे ध्यान लगाकर सत्य की प्राप्ति की। इस घटना को बोधि प्राप्ति कहा जाता है और वे ‘बुद्ध’ कहलाए, जिसका अर्थ है ‘ज्ञान प्राप्त’।
Buddha Purnima : बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
बुद्ध पूर्णिमा का पर्व भगवान बुद्ध की शिक्षाओं और उनके द्वारा दिखाए गए अहिंसा, करुणा और सत्य के मार्ग का अनुसरण करने का संकल्प लेने का दिन है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य भगवान बुद्ध के संदेश को फैलाना और उनके आदर्शों का पालन करना है।
बुद्ध पूर्णिमा की परंपराएं
- धम्म प्रवचन: इस दिन बौद्ध मठों और विहारों में विशेष प्रवचन और उपदेशों का आयोजन होता है। बौद्ध भिक्षु भगवान बुद्ध के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर प्रवचन देते हैं।
- ध्यान और प्रार्थना: बौद्ध अनुयायी इस दिन विशेष ध्यान और प्रार्थनाएं करते हैं। वे भगवान बुद्ध की मूर्तियों के समक्ष दीप जलाते हैं और फूल अर्पित करते हैं।
- दान और सेवा: बुद्ध पूर्णिमा पर दान का विशेष महत्व होता है। लोग निर्धनों और जरुरतमंदों को अन्न, वस्त्र और अन्य आवश्यक चीजें दान करते हैं।
- पवित्र स्थलों की यात्रा: बौद्ध अनुयायी पवित्र स्थलों जैसे बोधगया, लुंबिनी, सारनाथ और कुशीनगर की यात्रा करते हैं और वहां विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
Buddha Purnima : बुद्ध पूर्णिमा का संदेश
बुद्ध पूर्णिमा हमें भगवान बुद्ध के उपदेशों और उनके जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करती है। भगवान बुद्ध का जीवन हमें सिखाता है कि कैसे हम अपने जीवन में अहिंसा, करुणा, और सत्य के मार्ग पर चल सकते हैं।
इस पावन दिन पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम भगवान बुद्ध के दिखाए मार्ग का पालन करेंगे और अपने जीवन को उनके आदर्शों के अनुरूप ढालने का प्रयास करेंगे।
निष्कर्ष
बुद्ध पूर्णिमा केवल एक पर्व नहीं है, बल्कि यह हमें आत्मज्ञान, शांति और करुणा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। इस दिन को मनाकर हम भगवान बुद्ध के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान प्रकट करते हैं और उनके उपदेशों को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करते हैं।
तो इस बुद्ध पूर्णिमा पर, भगवान बुद्ध के उपदेशों का पालन करें और अपने जीवन को सच्चे अर्थों में धन्य बनाएं।