Shattila Ekadashi 2024 : एकादशी व्रत को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र व्रत माना जाता है । एकादशी व्रत भगवान विष्णु से संबंधित व्रत है । इस कारण से, विष्णु के भक्त इस दिन अत्यंत भक्ति और उपवास के साथ भगवान विष्णु की पूजा करते हैं । इस पवित्र दिन पर लोग भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए विष्णु मंदिर जाते हैं । पुष्य मास के कृष्ण पक्ष एकादशी व्रत को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है । यहाँ Shattila Ekadashi 2024 व्रत 2024 शुभ समय, पूजा की विधि, महत्व और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई है ।
Shattila Ekadashi 2024 : Timing
एकादशी तिथि प्रारंभ: 05 फरवरी 2024 से 05:24 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त: फरवरी 06, 2024 को 04: 07 बजे तक
समापन समय:07: 04 पूर्वाह्न से 09: 19 पूर्वाह्न 7 फरवरी, 2024 को
द्वादशी तिथि समाप्त होने का समय: दोपहर 2:02 बजे
Shattila Ekadashi 2024 : षट्तिला एकादशी का महत्व
पुराणों के अनुसार, शत्तिला एकादशी पर व्रत का पालन करने से, एक लड़की से शादी करने के बाद प्राप्त योग्यता, हजारों साल की तपस्या और सोना दान करने की योग्यता से अधिक परिणाम प्राप्त होते हैं । इस दिन पूजा, हवन, प्रसाद, स्नान, अभ्यारण्य, दान, भोजन और तर्पण में तिल का उपयोग किया जाता है । इस एकादशी व्रत के दिन तिल दान करने की परंपरा के कारण इसे शत्तिला एकादशी कहा जाता है ।
Shattila Ekadashi 2024 : षट्तिला एकादशी पूजा की विधि
इस दिन जल्दी उठें और स्नान आदि करें।
- घर के गॉड रूम में दीपक जलाएं ।
- गंगा जल से भगवान विष्णु का अभिषेक करें ।
- विष्णु को फूल और तुलसी के पत्ते चढ़ाएं।
- हो सके तो इस दिन उपवास करें ।
- भगवान को आरती करें।
- भगवान को एक भेंट की जानी चाहिए । प्रसाद बनाते समय केवल सात्विक भोजन करना चाहिए और विष्णु को प्रसाद अर्पित करते समय तुलसी का उपयोग बिना असफलता के करना चाहिए ।
- इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की भी पूजा करें ।
- यदि संभव हो तो भगवान का ध्यान करें
Shattila Ekadashi 2024 : षट्तिला एकादशी पूजा सामग्री
भगवान विष्णु की मूर्ति या मूर्ति
- फूल
- नारियल
- सुपारी
- फल
- लौंग
- धूप
- दीपक
- घी
- पंचामृत
- चंदन
- कुछ मीठा आदि
Shattila Ekadashi 2024 : षट्तिला एकादशी मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
- – अच्युतम केशवम् कृष्ण दामोदरम्
राम नारायणम जानकी वल्लभम - राम राम रामती
रामे रामे मनोरम
सहस्त्रनाम तत्तुल्यम राम नाम वरणाने